भारतीय संस्कृति की वाहक हिंदी की गिरमिटिया देशों की यात्रा प्रो. सुरेन्द्र गंभीर, प्रो. वशिनी शर्मा
प्रकाशित पुस्तक भारती अक्तूबर 2019
मैं क्या हूँ /जन्म लेना और पलना मेरे हाथ में नहीं था / पर खूब प्यार से पली /कोई दुख -दर्द नहीं /एक प्रेमिल मन के हाथों आँचल इतना भरा कि सब कुछ भीग गया /लिखना कम पढना अधिक /साहित्य से अच्छे पाठक का नाता बना रहा / अभी भी बना हुआ है/ नारी मन को समझने का प्रयास मात्र /और क्या --
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