मेरा संदेश छोटा सा है:
आनंद से जीओ। और जीवन के समस्त रंगों को जीओ।
कुछ भी निषेध नहीं करना है। जो भी परमात्मा का है,शुभ है।
जो भी उसने दिया है ,अर्थपूर्ण है।
उसमें से किसी चीज़ का इनकार करना ,
परमात्मा का ही इनकार है,
नास्तिकता है।
- ओशो
साभार : (ओशो वर्ल्ड दिसंबर,2007 )
मंगलवार, 1 जनवरी 2008
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1 टिप्पणी:
क्या इसे जीवन में अपनाया है आपने?
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